Sunday 11 September 2016

GOD'S LAST JOURNEY TO EARTH (PART1- BIRTH OF A NEW RELIGION)


आज से हजारों साल पहले नासरत में गेब्रियल नामक एक स्वर्गदूत ने मरियम को दर्शन दिया और कहा कि तू पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी, ‍उसका नाम यीशु रखना। उस समय ‍मरियम यूसुफ की मंगेतर थी। यह खबर सुनते ही यूसुफ ने बदनामी के डर से मरियम को छोड़ने का मन बनाया। लेकिन उसके विचारों को जानकर उसी स्वर्गदूत ने यूसुफ से कहा कि मरियम पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती है उसे अपने यहां लाने से मत डर। स्वर्गदूत की बात मानकर यूसुफ मरियम को ब्याह कर अपने घर ले आया। उस समय नासरत रोमन साम्राज्य का हिस्सा था। ‍मरियम की गर्भावस्था के दौरान ही रोम राज्य की जनगणना का समय आ गया। तब नियमों के चलते यूसुफ भी अपनी पत्नी मरियम को लेकर नाम लिखवाने येरूशलम के बैतलहम नगर को चला गया। सराय में जगह न मिलने के कारण उन्होंने एक गौशाले में शरण ली। बैतलहम में ही मरियम के जनने के दिन पूरे हूए और उसने एक बालक को जन्म दिया और उस बालक को कपड़े में लपेटकर घास से बनी चरनी में लिटा दिया और उसका नाम यीशु रखा। पास के गड़रियों ने यह जानकर कि पास ही उद्धारकर्ता यीशु जन्मा है जाकर उनके दर्शन किए और उन्हें दण्डवत् किया।  यीशु के जन्म की सूचना पाकर पास देश के तीन ज्योतिषी भी येरूशलम पहुंचे। उन्हें एक तारे ने यीशु मसीह का पता बताया था। उन्होंने प्रभु के चरणों में गिर कर उनका यशोगान किया और अपने साथ लाए सोने, मुर व लोबान को यीशु मसीह के चरणों में अर्पित किया। इस तरह हुआ इसाई धर्म के संस्थापक महान यशु मसीह का जनम ठीक इसी तरह उनके जनम के कई वर्ष पूर्व हुआ था जनम महान गौतम बुद्धा का  गौतम बुद्ध का जनम 563 ईसा पूर्व  और मृत्यु: 483 ईसा पूर्व । इतिहास के सबसे प्रभावशाली महान एक महान व्यक्ति है तथा वे विश्व के प्राचीनतम धर्मों में से एक बौद्ध धर्म के प्रवर्तक एवं संस्थापक थे।  उनका जन्म ईसा पुर्व 563 में लुबिंनी, नेपाल में तथा महापरिनिर्वाण कुशिनगर, भारत में हुआ था। वे क्षत्रिय कुल के शाक्य राजा शुद्धोधन के घर राजकुमार के रूप में जन्में थे | सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और पत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण और दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग की तलाश में रात में राजपाठ छोड़कर जंगल चले गए। वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधी वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से गौतम बुद्ध बन गए। आज पुरे संसार में करीब  180 करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है और विश्व की आबादी का 25% हिस्सा है। ऐसे ही महान सिख धर्म अस्तित्व में आया , महान गुरू नानक  देव जी का जनम 15 अप्रैल 1469 को हुआ सिखों  के प्रथम गुरु  (आदि गुरु) हैं। इनके अनुयायी इन्हें गुरु नानक, गुरु नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। गुरु नानक अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु - सभी के गुण समेटे हुए थे।इनका जन्म  रावी नदी के किनारे स्थित  तलवंडी नामक गाँव में 15 अप्रैल, 1469 में  कार्तिकी पूर्णिमा को एक खत्रीकुल में हुआ था। इनके पिता का नाम कल्यानचंद या मेहता कालू जी था, माता का नाम तृप्ता देवी था। तलवंडी का नाम आगे चलकर नानक के नाम पर ननकाना पड़ गया। इनकी बहन का नाम नानकी था।बचपन से इनमें प्रखर बुद्धि के लक्षण दिखाई देने लगे थे। लड़कपन ही से ये सांसारिक विषयों से उदासीन रहा करते थे। पढ़ने लिखने में इनका मन नहीं लगा। ७-८ साल की उम्र में स्कूल छूट गया क्योंकि भगवत्प्रापति के संबंध में इनके प्रश्नों के आगे अध्यापक ने हार मान ली तथा वे इन्हें सम्मान घर छोड़ने आ गए। तत्पश्चात् सारा समय वे आध्यात्मिक चिंतन और सत्संग में व्यतीत करने लगे। बचपन के समय में कई चमत्कारिक घटनाएं घटी जिन्हें देखकर गाँव के लोग इन्हें दिव्य ऴ्यक्तित्व मानने लगे। बचपन के समय से ही इनमें श्रद्धा रखने वालों में इनकी बहन नानकी तथा गाँव के शासक राय बुलार प्रमुख थे।इनका विवाह सोलह वर्ष की अवस्था में  गुरदासपुर जिले के अंतर्गत लाखौकी नामक स्थान के रहनेवाले मूला की कन्या सुलक्खनी से हुआ था। ३२ वर्ष की अवस्था में इनके प्रथम पुत्र श्रीचंद का जन्म हुआ। चार वर्ष पीछे दूसरे पुत्र लखमीदास का जन्म हुआ। दोनों लड़कों के जन्म के उपरांत १५०७ में नानक अपने परिवार का भार अपने श्वसुर पर छोड़कर मरदाना, लहना, बाला और रामदास इन चार साथियों को लेकर तीर्थयात्रा के लिये निकल पडे़।नानक सर्वेश्वरवादी थे। मूर्तिपूजा को उन्होंने निरर्थक माना। रूढ़ियों और कुसंस्कारों के विरोध में वे सदैव तीखे रहे। ईश्वर का साक्षात्कार, उनके मतानुसार, बाह्य साधनों से नहीं वरन् आंतरिक साधना से संभव है। उनके दर्शन में वैराग्य तो है ही साथ ही उन्होंने तत्कालीन राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक स्थितियों पर भी नजर डाली है। संत साहित्य में नानक उन संतों की श्रेणी में हैं, जिन्होंने नारी को बड़प्पन दिया है।इनके उपदेश का सार यही होता था कि ईश्वर एक है उसकी उपासना हिंदू मुसलमान दोनों के लिये है। मूर्तिपुजा, बहुदेवोपासना को ये अनावश्यक कहते थे। हिंदु और मुसलमान दोनों पर इनके मत का प्रभाव पड़ता था। लोगों ने तत्कालीन इब्राहीम लोदी से इनकी शिकायत की और ये बहुत दिनों तक कैद रहे। अंत में पानीपत की लड़ाई में जब इब्राहीम हारा और बाबर के हाथ में राज्य गया तब इनका छुटकारा हुआ।महान धर्म संस्थापको में एक नाम आता है महान हज़रत मुहम्मद काहज़रत मुहम्मद  "मुहम्मद इब्न अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुत्तलिब" का जन्म सन  ५७० ईसवी में हुआ था। इन्होंने  इस्लाम धर्म का प्रवर्तन किया। ये इस्लाम के सबसे महान नबी और आख़िरी सन्देशवाहक माने जाते हैं जिन को  अल्लाह ने फ़रिश्ते जिब्रईल द्वारा क़ुरआन का सन्देश' दिया था।  मुसलमान  इनके लिये परम आदर भाव रखते हैं। ये इस्लाम के आख़री ही नहीं बल्कि सबसे सफल संदेशवाहक भी माने जाते है। मुहम्मद वह श्ख़स हैं जिन्होने हमेशा सच बोला और सच का साथ दिया। सूची में एक महान नाम है मूसा का मूसा  यहूदी, इस्लाम और ईसाई धर्मों  में एक प्रमुख नबी (ईश्वरीय सन्देशवाहक) माने जाते हैं। ख़ास तौर पर वो यहूदी धर्म के संस्थापक और इस्लाम धर्म  के पैग़म्बर माने जाते हैं। कुरान और बाइबल में हज़रत मूसा की कहानी दी गयी है, जिसके मुताबिक मिस्र के फ़राओ के ज़माने में जन्मे मूसा यहूदी माता-पिता के की औलाद थे पर मौत के डर से उनको उनकी माँ ने नील नदी में बहा दिया। उनको फिर फ़राओ की पत्नी ने पाला और मूसा एक मिस्री राजकुमार बने। बाद में मूसा को मालूम हुआ कि वो यहूदी हैं और उनका यहूदी राष्ट्र (जिसको फरओ ने ग़ुलाम बना लिया था) अत्याचार सह रहा है। मूसा का एक पहाड़ पर परमेश्वर से साक्षात्कार हुआ और परमेश्वर की मदद से उन्होंने फ़राओ को हराकर यहूदियों को आज़ाद कराया और मिस्र से एक नयी भूमि इस्राइल पहुँचाया। इसके बाद मूसा ने इस्राइल को ईश्वर द्वारा मिले "दस आदेश" दिये जो आज भी यहूदी धर्म का प्रमुख स्तम्भ है।इतिहास में एक महान पात्र जो अक्सर मुझे प्रेरणा देता है वो है कृष्णा,कृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु के अवतार हैं।  सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं। जब-जब इस पृथ्वी पर असुर एवं राक्षसों के पापों का आतंक व्याप्त होता है तब-तब भगवान विष्णु किसी न किसी रूप में अवतरित होकर पृथ्वी के भार को कम करते हैं। वैसे तो भगवान विष्णु ने अभी तक तेईस अवतारों को धारण किया। इन अवतारों में उनके सबसे महत्वपूर्ण अवतार श्रीराम और श्रीकृष्ण को ही माने जाते हैं। गौतम बुद्ध भी उनका ही एक अवतार हैं , श्री कृष्ण का जन्म  यदुवंशी  क्षत्रिय कुल में राजा वृष्णि के वंश में हुआ था ।
यह अवतार उन्होंने वैवस्वत मन्वन्तर के अट्ठाईसवें द्वापर में श्रीकृष्ण के रूप में देवकी के गर्भ से मथुरा के कारागर में लिया था। वास्तविकता तो यह थी इस समय चारों ओर पाप कृत्य हो रहे थे। धर्म नाम की कोई भी चीज नहीं रह गई थी। अतः धर्म को स्थापित करने के लिए श्रीकृष्ण अवतरित हुए थे। ब्रह्मा तथा शिव -प्रभृत्ति देवता जिनके चरणकमलों का ध्यान करते थे, ऐसे श्रीकृष्ण का गुणानुवाद अत्यंत पवित्र है। श्रीकृष्ण से ही प्रकृति उत्पन्न हुई। सम्पूर्ण प्राकृतिक पदार्थ, प्रकृति के कार्यकार्य किया उसे अपना महत्वपूर्ण कर्म समझा, अपने कार्य की सिद्धि के लिए उन्होंने साम-दाम-दंड-भेद सभी का उपयोग किया, क्योंकि उनके अवतीर्ण होने का मात्र एक उद्देश्य था कि इस पृथ्वी को पापियों से मुक्त किया जाए। अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने जो भी उचित समझा वही किया। उन्होंने कर्मव्यवस्था को सर्वोपरि माना, कुरुक्षेत्र की रणभूमि में अर्जुन को कर्मज्ञान देते हुए उन्होंने गीता की रचना की जो कलिकाल में धर्म में सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है।धरती पर वक़्त के साथ साथ महान धर्म बने , उन्हें इंसानों ने अपनाया , ये धर्म इंसानों को इश्वर के करीब ले जाने का एक माध्यम थे , उन्हें एक जुट करने के लिए , प्रेम का प्रकाश फैलाने के लिए इन धर्मो को अस्तित्व में आना पड़ा , इश्वर के भेजे ये सभी दूत इन्होने बखूबी अपना काम किया , लोगो को सही रास्ते चलाया , पाप से दूर ले कर गये , उनके लिए लिखित ग्रन्थ छोड़ कर गये , जिसका स्मरण वो पूरी उम्र करते रहे , इश्वर ने किसी ना किसी रूप में  किसी ना किसी दूत के सहारे मानवता को नयी राह दिखाई है , इश्वर एक है , इश्वर एक उर्जा है जो हम सब में प्रवाहित होती है , इश्वर का धर्म एक है , हम सब एक धर्म के है , हमारे अन्दर कोई भी अंतर नहीं , इश्वर ने देखा वो सब देखा जो हिन्दू मुस्लिम सिख के भेदभाव से 1947  में हुआ , इश्वर ने यहूदियों पर होता अत्याचार देखा ,इश्वर ने गोरे और काले लोगो का भेदभाव देखा इश्वर ने पहला विश्व युद्ध देखा , वो दूसरा विश्व युद्ध देखा , कलिंगा की लड़ाई देखी , चीनी सुदानी लड़ाई देखी ,और यकीन मानो इश्वर ये सब देख कर बहुत दुःख में है , इश्वर को इंसान समझने की भूल ना करें , इश्वर एक महान ऊर्जा है , वोही उर्जा जो हम सब में प्रवाहित होती है , इश्वर की उदासी से अर्थ है नकारत्मक ऊर्जा का आना , विश्व ये ब्रहमांड ऊर्जासे ही बना है , उर्जा में जब नकारत्मकता आती है तो चीजों का सृजन होना बंद हो जाता है और जो गृह तारे सौर मंडल प्रजातियाँ ब्रहमांड में पाई जाती है उनका विनाश होना शुरू हो जाता है , इश्वर इन सभी घटनाओं से बेहद्द परेशान है , वो ब्रहमांड का दुबारा सृजन करना चाहता है , वो एक संतुलित भ्रहमांड चाहता है , इश्वर ने कल्पना की थी की वो एक माता पिता की भाँती अपने बच्चो को खुद अपने आप को संभालना सिखाएगा , और खुद दूर से उन्हें देखता रहेगा , उठते हुये , पर अब तो विपरित ही हो रहा है , इश्वर को ही इंसानों ने गिरने पर दोष देना शुरू कर दिया , इश्वर के बनाये नियमो से भी आगे जाना चाहता है इंसान , खुद की वास्तविकता से दूर जा रहा है इंसान , इसीलिए आज राज़ से पर्दा उठा ही देता हूँ , इश्वर अब ना ही किसी दूत को धरती पर भेजने वाला है , ना ही वो अब कोई अवतार लेगा , इश्वर का इरादा इस बार कुछ और ही है , वो अब खुद धरती पर आने वाला है , वो खुद धरती पर आएगा आसमा से आएगा ,अपने साथ उन सभी माहान अवतारों और उन सभी दूतो की आत्माओं की उर्जा साथ लाएगा , वो अकेला नहीं पूरा कारवां साथ ले कर आएगा , और खुद वो एक विशाल पालकी पर होगा जिस पालकी को एक कांच के गुम्बद से ढका गया होगा , उस गुम्बद से ऐसी तीखी और आँखें चोंधिया देने वाली रौशनी निकलेगी की पूरी धरती सूरज से भी अधिक प्रकाशित हो उठेगी , इंसानों का ज़मावड़ा लगेगा लोग देश विदेश से खिचे चले आयेंगे , सफेद कपडे धारण किये लाखो इश्वर के परम प्रिय उसके साथ होंगे वो पालकी पूरे विश्व का भ्रमण करेगी , उस पालकी को विश्व के सभी धर्मो के संस्थापको की आत्माओ ने घेर रखा होगा , आसमा में इन्द्रधनुष होंगे , नदिया , समुन्द्र ज्वालामुखी पेड़ पौधे सभी इश्वर के धरती के आने पर मचल उठेंगे , पक्षी जानवर सभी मनुष्य की उस भीड़ में शामिल हो जाएंगे , द्रिश्य देखने वाला होगा , बड़े से बड़ा आदमी , चाहे अमीर हो या कोई राष्ट्रपति या मुख्यमंत्री सब शीश झुका कर इश्वर का अभिनन्दन करेंगे , एक बड़ी सुखद आवाज़ की गूंज होगी , जो इश्वर की आवाज़ होगी जो लोगो को सन्देश देगी , लोगो से सीधा बात करेगी , आगे आगे हज़ारो सेवक होंगे जो उस पालकी से निकलते जल को एक चलते हुए वाहन में एकत्रित करेंगे और लोगो को प्रशाद की तरह उस जल का सेवन किया जाएगा , ये जल इश्वर का एक प्रशाद होगा जो मानवता का भविष्य बदल देगा , वो पालकी और सारा कारवा पूरा विश्व भ्रमण करेगा और एक एक इंसान के पास जाएगा.. इंसान एकजुट होकर इश्वर का स्वागत करेंगे , इश्वर का सन्देश जन जन तक पहुंचेगा
सन्देश में एक ही बात दोहराई जाएगी

1.        सभी मनुष्यों का आज से एक धर्म होगा
2.       सभी मनुष्य एक इश्वर की अराधना करेंगे
3.       इंसान खुद को एक आत्मा के रूप में जानेंगे
4.       कोई इंसान छोटा बड़ा नहीं होगा
5.       हर मनुष्य को रहने खाने ,सोने , पढने , प्रेम करने , और खुश रहने का अधिकार होगा
6.       हर मनुष्य बराबर काम करेगा
7.       पूरी धरती पर एक देश होगा
8.       पूरी धरती एक ही धर्म ग्रन्ध को मानेगी, जिसे सभी धर्मो के ग्रंथो से मिला कर बनाया जाएगा
9.       आने वाले समय में मनुष्य बाहरी दुनिया से मिलेगा , तो उसे एक जुट होना होगा
10.    कोई मनुष्य किसी मनुष्य के प्रति नीच भाव नहीं रखेगा ,प्रेम का प्रसार ही मुख्य कार्य होगा
एक नया मानव धर्म की स्थापना होगी और धरती पर शान्ति और प्रेम का प्रसार होगा.. वो जल जो इश्वर ने सभी एक एक इंसान को पिलाया वो जल क्या था , उसे पिलाने के पीछे इश्वर का क्या मकसद था वो आप जानेंगे इस कहानी के दुसरे हिस्से में ..

आपका अपना कवि

$andy poet
  

Monday 13 June 2016

“FRIENDZONE – A ZONE OF DEATH”


क्या सोचती होगी वो , क्या वो मुझे पसंद करती है , क्या वो भी मुझे चाहती है , ये बातें सोच सोच कर मैं परेशान था पिछले कुछ दिनों से , उसकी चेहरे की मुस्कान बार बार मुझे सोचने पर मजबूर कर देती थी , एक तरह से उसके भीतर क्या चल रहा है , मैं समझ नहीं पा रहा था , उसके दिल में मेरे लिए केसे ज़ज्वात हैं ये मैं जानना चाहता था , और उसकी बातों से मैं समझ नहीं पा रहा था की वो चाहती क्या है , मुझे मालुम था तो बस यही की मैं सिर्फ और सिर्फ उससे ही प्यार करता था , उसके इलावा ज़िन्दगी मे  कोई और आ भी नहीं सकता था , वो ही सब कुछ बन चुकी थी मेरी , पर मेरे ख्याली महल सिर्फ और सिर्फ मेरे थे , इसमें वो दूर दूर तक दिखाई नहीं देती थी. सिर्फ दोस्ती तक उसने मुझे बाँध रखा था , मैं आगे बढ़ना चाहता था , उसे हमेशा के लिए अपना बनाना चाहता था , चाहत को अपनी भला केसे कोई भूल सकता है , उसके लिए ही अब जीना मरना था , खुद का वजूद कुछ भी नहीं था ..उसके बिना रहना मेरे लिए नामुमकिन सा हो चुका था ...
मैं दिन भर रात भर उसके ख्यालो मे डूबा रहता था , लोग कहते थे मुझे प्यार हो चुका है , जो किसी जानलेवा बिमारी से कम् नहीं था , उसका क्या था, दो पल के हुसन की दीवानगी ने मुझे सिरफिरा किया हुआ था , जब की वो बेपरवाह , अपनी ज़िन्दगी दूर कहीं मज़े मे बीता रही थी, पहले रोज़ बातें करते थे साथ साथ , दूरियां बढ़ी तो वो मुझे कम वक़्त देने लगी , हम हर रोज़ 2 घंटे फ़ोन पर चैट किया करते थे , धीरे धीरे हम आधा घंटा बात करने लगे , फिर दस मिनट और फिर ना के बराबर बात होती थी, मैं दिन भर उससे बात करने को तड़पता पर होता अक्सर ऐसा
“ हेल्लो केसी हो ?? उसका जवाव का इंतज़ार करते करते रात हो जाती जवाव आता ,” अभी बिजी हूँ , “
ऐसा कई दिन चलता रहा , मुझे समझ आने लगा की वो अब मुझसे दूर रहना चाहती है , हो सकता है उसे  मुझसे बेहतर कोई मिल गया हो , सुना है लडकियां ब्लूटूथ की तरह होती है , पास हो तो नेटवर्क बना रहता है दूर जाएँ तो कोई और डिवाइस से जुड़ जाती है ,ऐसा सिर्फ लडकियों के साथ ही नहीं हम मर्द कौन सा दूध के धुले होते हैं .. क्या पता क्या हुआ , पर लोग कहते हैं अक्सर ऐसा ही होता है ,शायद पहली दफा ऐसा हुआ तो बहुत अजीब महसूस हो रहा है ,
लडकियां अक्सर सबसे बलवान , सुन्दर , अमीर , और खानदानी पुरुषो का चुनाव करती हैं ,जो मुझमे उसे नहीं मिलने वाला था ,ये तो कुदरत का नियम है , शायद इसीलिए उसने मेरे प्यार की कदर नहीं की , ऐसा ही होता है , मगर मेरे ख्याल से ऐसा होना नहीं चाहिए था ,ये सब कुछ मेरी समझ के बाहर था , इसीलिए मैंने फैंसला किया की मैं उसे हमेशा हमेशा के लिए भुला दूंगा पर मुझसे ये नहीं हो पाया मैं दिन रात तड़पता रहा ना वो करीब आई , ना मुझसे दूर जाया गया..
एक दिन मैंने उसके दिल के भीतर झांकने का सोचा , मैं एक दिन उससे मिला , और मिलते ही उसे हाल ए दिल कह सुनाया , वो चुप रही , और वहां से चली गयी बिना कुछ कहे, मैं समझ नहीं पाया की ये सब क्या हुआ ,इश्वर पर से मेरा भरोषा उठ चुका था,वो मेरी कोई भी जिद्द पूरी नहीं करता, मुझे कोई ऐसा तरीका खोजना था जिससे उसकी दिल की बात पता चल सके , मेरा एक दोस्त था जो विज्ञान में काफी रूचि रखता था , मैने उससे अपना किस्सा सुनाया .
उसने कहा ,” अब दुबारा जब भी तुम फ़ोन पर उससे बात करो , इस डिवाइस को अपने फ़ोन के साथ जोड़ देना , ये डिवाइस हाथो के स्पर्श से भावनाओ को रेडियो तरंगो के जरिए तुम तक पहुंचा सकता है , मैं काफी उत्सुक्त था की अब तो मैं जान ही लूँगा आखिर क्यूँ वो मुझसे इतनी दूर दूर रहती है
मैंने उससे बात करना शुरू की
हेल्लो दोस्त केसी हो ??
उसका जवाव था अच्छी हूँ ?? और तुम ??
दोस्त के उपकरण पर लिखा हुआ आया ......” ये साला कब मेर पीछा छोड़ेगा , फिर आ गया दिमाग खाने “
मैने पूछा  क्या तुम सच में मुझ से प्यार नहीं करती ??
उसने कहा ,” इन बातों के लिए मेरे पास वक़्त नहीं है...
दोस्त के उपकरण पर लिखा आया ,” प्यार करने लायक शकल है तेरी जो तुझसे प्यार करूँ ??
मैने पूछा ,” हमारे पहले प्यार का क्या हुआ फिर ??
उसने कहा ,” वो हम सिर्फ दोस्त थे , जेसे पूरा कॉलेज होता है , वेसे तुम भी एक थे “
उपकरण पर लिखा आया ,” टाइम पास था मूर्ख प्राणी , इतनी भी समझ नहीं तुझमे बेअकल”
मैने पुछा ,” एक बार मुझसे मिलने तो आ जाओ ??
उसने कहा ,” नहीं मेरे एग्जाम चल रहे हैं ..
उपकरण पर लिखा आया ,” गधे तू अब पका रहा है मुझे ,जल्दी से जा अब ,मिल के क्या  पहाड़ उखाड़ेगा अब “
मैने उससे पुछा ,” मैं तुमसे अब भी प्यार करता हूँ, जी नहीं सकता तुम्हारे बिना ....
उसका जवाव आया ,” ऐसा मत बोलो , तुम अच्छे इंसान हो तुम्हे मुझसे बेहतर कोई मिलेगा
उपकरण पर लिखा आया ,” मरना बेहतर होगा तुझ जेसे निकम्मे इंसान के लिए चल भाग अब
उसका आखिरी मेसेज था ,” चलती हूँ , फिर कभी मिलेंगे ,तुमसे बात कर के अच्छा लगा .... ..
उपकरण पर लिखा आया ,” क्यूँ मेरा टाइम खराब कर रहा है और भी कई कतार मे बेठे हैं बात करने के लिए”
इतना सब कुछ पढ़कर मैं टूट सा चुका था , मैंने उससे भुलाना चाहा नहीं भुला पाया फिर दोस्त के पास गया ,उसने कहा अब तो एक ही तरीका बचा है , वक़्त की छलांग लगा , और भूतकाल से उसे हमेशा के लिए अपनी यादों से मिटा दे , खुद को रोक उससे मिलने से , उसने मुझे वक़्त में पीछे जा कर अपने आप की गलती सुधारने का मौका दिया, मैंने वक़्त की लम्बी छलांग लगाईं और उस वक़्त मे जा पहुंचा जब हम पहली बार मिले थे , मैंने उसे देखा , देख कर रोया भी , खूब रोया आखिर वो पल आ चुका था जब अतीत में  मैं उससे मिलने वाला था पहली बार , वो कैंटीन में बेठी थी वहाँ हमारी मुलाक़ात होनी थी , मेरा अतीत का रूप उस की तरफ बढ़ रहा था , हम मिलने ही वाले थे की अचानक से मैंने आ कर अपने अतीत के रूप को धक्का दे दिया , मेरा अतीत का रूप सीधे 10 फीट की उंचाई से नीचे फर्श पर जा गिरा , उसके सर से खून बह निकला, उसकी हाथ की छोटी ऊँगली की हड्डी टूट चुकी थी , देखते ही देखते मेरे हाथ की छोटी ऊँगली भी गायब हो गयी , सब लोग उसे देखने आ गये , वो लड़की भी मुझे देख रही थी , मैं जिंदा था मतलब की मैं बच जाऊँगा , मुझे हस्पताल ले गए और वो मुझे हस्पताल ले जाते देखते रही , मेरा भविष्य का रूप भी अब गायब हो रहा था , मैने खुद को उससे मिलने से रोक लिया था , अब वो मेरे लिए अनजान थी ...मैं वापिस अपने समय मे आ गया था , मुझे कुछ याद नहीं था की मैं कौन हूँ , पर तभी याद आया की मुझे अपने दोस्त के पास जाना था क्यूंकि पिछल कई सालो से एक लड़की मेरे पीछे पड़ी हुई थी , जो रोज़ मुझे मेसेज कर कर के परेशान किया करती थी , और मुझे अपना जिगरी यार बताती थी और मुझे जानना था की आखिर ये लड़की ऐसा क्यूँ कर रही है , कहीं वो पागल तो नहीं , मेरे दोस्त ने मुझे ऐसा उपकरण दिया जिसे मन की बात जान सकें..
उसने बताया ,” अब दुबारा जब भी तुम फ़ोन पर उससे बात करो , इस डिवाइस को अपने फ़ोन के साथ जोड़ देना , ये डिवाइस हाथो के स्पर्श से भावनाओ को रेडियो तरंगो के  जरिए तुम तक पहुंचा सकता है मैं काफी उत्सुक्त था की अब तो मैं जान ही लूँगा आखिर क्यूँ वो मुझे इतने सालों से परेशान कर रही है,
मैंने उससे बात करना शुरू की
उसने पुछा दोस्त केसे हो ??
मैंने कहा अच्छा हूँ ?? और तुम ??
दोस्त के उपकरण पर लिखा हुआ आया ......” केसी विडंबना है , इतने साल हो गये प्यार को अब भी दोस्त कह कर पुकारना पड़ रहा है तुम्हे मेरे हमसफ़र, हाल क्या पूछते हो , बेहाल हो चुकी हूँ तुम्हारे बिना “
उसने पुछा क्या तुम सच में मुझ से प्यार नहीं करते ??
मैंने कहा ,” इन बातों के लिए मेरे पास वक़्त नहीं है ..
दोस्त के उपकरण पर लिखा आया ,” ऐसी भी क्या नाराज़गी ,सच्चा प्यार किया है तुमसे हमेशा करती रहूंगी , चाहे तुम करो या ना करो  ??
उसने पुछा ,” हमारे पहले प्यार का क्या हुआ फिर ??
मैंने कहा ,” वो हम सिर्फ दोस्त थे , जेसे पूरा कॉलेज होता है , वेसे तुम भी एक थी  “
उपकरण पर लिखा आया ,” उन दिनों को याद कर आज भी रोती हूँ पर तुम क्या जानो मेरे दिल की बातें , बातें दिल की तो होती हैं लव्जो की धोखे बाज़ी ”
उसने पुछा ,” एक बार मुझसे मिलने तो आ जाओ ??
मैंने कहा ,” नहीं मेरे एग्जाम चल रहे हैं ..
उपकरण पर लिखा आया ,” अगर एक बार तुम से मिलने का मौका मिले तो उस एक पल में ज़िन्दगी जी जाउंगी यकीन मानो मेरा .... “
 उसने  पुछा ,” मैं तुमसे अब भी प्यार करती हूँ जी नहीं सकती तुम्हारे बिना ....
मैंने कहा ,” ऐसा नहीं बोलना चाहिए , तुम एक अच्छी इंसान थी और तुम्हे तुम्हे मुझसे बेहतर कोई मिलेगा ज़रूर
उपकरण पर लिखा आया ,”कितनी बार कहूँ तुमसे यही बात बार बार कहती हूँ तुम पता नि क्यूँ भूल जाने का दिखावा करते हो....तुमसे बेहतर कोई नहीं इस दुनिया में,
मैं अब पक चुका था उसकी इस बकवास से मैंने कहा  ,”चलता हूँ , फिर कभी मिलेंगे, तुमसे बात कर के अच्छा लगा ....
उपकरण पर लिखा हुआ पढ़ कर आँखें भर आई मेरी ,”
मैं ना भाई तुझे ये सारा जग भाया
क्यूँ मेरे इश्क को तू समझ ना पाया
इक तरफ़ा इश्क ये जान लेता है ...
भरी भीड़ में भी अपने प्यार को पहचान लेता है..
दिल दिल की बात है , जिसका दिल जला इश्क की आग में ..
ना मिले उसे सुकून ठन्डे पानी और झूठ के झाग में..
मर मिटेंगे ये इश्क के मुसाफिर,इस अंधे इश्क के तूफ़ान में..
तुझे बेशक हज़ारो मिले ना मिल पायेगा कोई हमें इस जहान मे..
दोस्ती के नाम पर जो बेड़ियाँ तूने बाँधी है,प्यार जो तूने ठुकराया है...
मैं तो कहूँगी प्यार ना सही इस सफ़र में दर्द बेशुमार मैंने पाया है..

ये पढ़ कर आँखें भर सी गयी लेकिन हर किसी की अपनी ज़िन्दगी है हर किसी को प्यार चुनने का अधिकार है , अपने लक्ष्य और अपनी ज़िन्दगी के असूल होते है , हम हर किसी से प्यार नहीं कर सकते , ये मेरी मजबूरी है जो मुझे उसे एक दोस्त तक ही सीमित रखना पडा क्यूंकि बेशक वो मुझे चाहती हो पर मैं उसे नहीं चाहता , और ऐसे में मैं भला केसे उसके साथ खुश रह पाऊंगा , प्यार दोतरफा होना ज़रूरी है , एक तरफ़ा प्यार सचमुच जान ले लेता है ..FRIENDZONE अंग्रेजी भाषा का माना सबसे बेकार शब्द है पर ये शब्द भूले भटके आशिकों को सही मार्ग दिखाता है. किसी को FRIENDZONE करना बुरी बात नहीं ये आपकी नीजी ज़िन्दगी के लिए जरूरी है ,मगर आपको ये भी ध्यान रखना चाहिए ये नौबत अगर आई है तो इस गुनाह मे आप बराबर के गुन्हेगार हैं..आप किसी को अपने करीब आने देते हैं और फिर दूर जाने को कहते हैं , ये सब करना ठीक वैसे ही है जेसे आप खुद को कुछ पल के लिए ही सही सुन्दर दिखने के लिए , नाखूनों पर नेलपेंट लगाती हैं ,पर कुछ पल का दिखावा कुछ दिनों के लिए आपके नाखुनो पर चिपका रहता है , इसे मिटने मे वक़्त लगता है ,पर मिट ज़रूर जाता है...और अगर इससे भी अच्छा उधारण चाहिए तो , मोहल्ले में कभी घूम कर आना और किसी ऐसे शक्श से मिलना जिसने उस हर रात का मज़ा लिया मगर आज वो मज़ा उसके पीछे कतार मे उसके पीछे पीछे चल रहा है रेल गाडी की तरह , कारवा बन कर ,चुन्नू मुन्नू , टिंकू , पिंकू बन कर... आपका कुछ पल का फ़्लर्ट किसी की ज़िन्दगी उजाड़ सकता है , फिर आप कहेंगे , उफ्फ्फ ये आशिक , पर न्योता भी आपने ही दिया था तो मखियाँ तो आनी ही थी...
चलता हूँ फिर मिलूँगा एक नयी कहानी के साथ

आपका अपना कवि
$andy  poet


THE LOVE AGREEMENT

Hi friends, I want a little help from you. I have published a new book titled, "The love agreement" (एक प्रेम-समझौता).I am...

Popular Posts