Monday 13 June 2016

“FRIENDZONE – A ZONE OF DEATH”


क्या सोचती होगी वो , क्या वो मुझे पसंद करती है , क्या वो भी मुझे चाहती है , ये बातें सोच सोच कर मैं परेशान था पिछले कुछ दिनों से , उसकी चेहरे की मुस्कान बार बार मुझे सोचने पर मजबूर कर देती थी , एक तरह से उसके भीतर क्या चल रहा है , मैं समझ नहीं पा रहा था , उसके दिल में मेरे लिए केसे ज़ज्वात हैं ये मैं जानना चाहता था , और उसकी बातों से मैं समझ नहीं पा रहा था की वो चाहती क्या है , मुझे मालुम था तो बस यही की मैं सिर्फ और सिर्फ उससे ही प्यार करता था , उसके इलावा ज़िन्दगी मे  कोई और आ भी नहीं सकता था , वो ही सब कुछ बन चुकी थी मेरी , पर मेरे ख्याली महल सिर्फ और सिर्फ मेरे थे , इसमें वो दूर दूर तक दिखाई नहीं देती थी. सिर्फ दोस्ती तक उसने मुझे बाँध रखा था , मैं आगे बढ़ना चाहता था , उसे हमेशा के लिए अपना बनाना चाहता था , चाहत को अपनी भला केसे कोई भूल सकता है , उसके लिए ही अब जीना मरना था , खुद का वजूद कुछ भी नहीं था ..उसके बिना रहना मेरे लिए नामुमकिन सा हो चुका था ...
मैं दिन भर रात भर उसके ख्यालो मे डूबा रहता था , लोग कहते थे मुझे प्यार हो चुका है , जो किसी जानलेवा बिमारी से कम् नहीं था , उसका क्या था, दो पल के हुसन की दीवानगी ने मुझे सिरफिरा किया हुआ था , जब की वो बेपरवाह , अपनी ज़िन्दगी दूर कहीं मज़े मे बीता रही थी, पहले रोज़ बातें करते थे साथ साथ , दूरियां बढ़ी तो वो मुझे कम वक़्त देने लगी , हम हर रोज़ 2 घंटे फ़ोन पर चैट किया करते थे , धीरे धीरे हम आधा घंटा बात करने लगे , फिर दस मिनट और फिर ना के बराबर बात होती थी, मैं दिन भर उससे बात करने को तड़पता पर होता अक्सर ऐसा
“ हेल्लो केसी हो ?? उसका जवाव का इंतज़ार करते करते रात हो जाती जवाव आता ,” अभी बिजी हूँ , “
ऐसा कई दिन चलता रहा , मुझे समझ आने लगा की वो अब मुझसे दूर रहना चाहती है , हो सकता है उसे  मुझसे बेहतर कोई मिल गया हो , सुना है लडकियां ब्लूटूथ की तरह होती है , पास हो तो नेटवर्क बना रहता है दूर जाएँ तो कोई और डिवाइस से जुड़ जाती है ,ऐसा सिर्फ लडकियों के साथ ही नहीं हम मर्द कौन सा दूध के धुले होते हैं .. क्या पता क्या हुआ , पर लोग कहते हैं अक्सर ऐसा ही होता है ,शायद पहली दफा ऐसा हुआ तो बहुत अजीब महसूस हो रहा है ,
लडकियां अक्सर सबसे बलवान , सुन्दर , अमीर , और खानदानी पुरुषो का चुनाव करती हैं ,जो मुझमे उसे नहीं मिलने वाला था ,ये तो कुदरत का नियम है , शायद इसीलिए उसने मेरे प्यार की कदर नहीं की , ऐसा ही होता है , मगर मेरे ख्याल से ऐसा होना नहीं चाहिए था ,ये सब कुछ मेरी समझ के बाहर था , इसीलिए मैंने फैंसला किया की मैं उसे हमेशा हमेशा के लिए भुला दूंगा पर मुझसे ये नहीं हो पाया मैं दिन रात तड़पता रहा ना वो करीब आई , ना मुझसे दूर जाया गया..
एक दिन मैंने उसके दिल के भीतर झांकने का सोचा , मैं एक दिन उससे मिला , और मिलते ही उसे हाल ए दिल कह सुनाया , वो चुप रही , और वहां से चली गयी बिना कुछ कहे, मैं समझ नहीं पाया की ये सब क्या हुआ ,इश्वर पर से मेरा भरोषा उठ चुका था,वो मेरी कोई भी जिद्द पूरी नहीं करता, मुझे कोई ऐसा तरीका खोजना था जिससे उसकी दिल की बात पता चल सके , मेरा एक दोस्त था जो विज्ञान में काफी रूचि रखता था , मैने उससे अपना किस्सा सुनाया .
उसने कहा ,” अब दुबारा जब भी तुम फ़ोन पर उससे बात करो , इस डिवाइस को अपने फ़ोन के साथ जोड़ देना , ये डिवाइस हाथो के स्पर्श से भावनाओ को रेडियो तरंगो के जरिए तुम तक पहुंचा सकता है , मैं काफी उत्सुक्त था की अब तो मैं जान ही लूँगा आखिर क्यूँ वो मुझसे इतनी दूर दूर रहती है
मैंने उससे बात करना शुरू की
हेल्लो दोस्त केसी हो ??
उसका जवाव था अच्छी हूँ ?? और तुम ??
दोस्त के उपकरण पर लिखा हुआ आया ......” ये साला कब मेर पीछा छोड़ेगा , फिर आ गया दिमाग खाने “
मैने पूछा  क्या तुम सच में मुझ से प्यार नहीं करती ??
उसने कहा ,” इन बातों के लिए मेरे पास वक़्त नहीं है...
दोस्त के उपकरण पर लिखा आया ,” प्यार करने लायक शकल है तेरी जो तुझसे प्यार करूँ ??
मैने पूछा ,” हमारे पहले प्यार का क्या हुआ फिर ??
उसने कहा ,” वो हम सिर्फ दोस्त थे , जेसे पूरा कॉलेज होता है , वेसे तुम भी एक थे “
उपकरण पर लिखा आया ,” टाइम पास था मूर्ख प्राणी , इतनी भी समझ नहीं तुझमे बेअकल”
मैने पुछा ,” एक बार मुझसे मिलने तो आ जाओ ??
उसने कहा ,” नहीं मेरे एग्जाम चल रहे हैं ..
उपकरण पर लिखा आया ,” गधे तू अब पका रहा है मुझे ,जल्दी से जा अब ,मिल के क्या  पहाड़ उखाड़ेगा अब “
मैने उससे पुछा ,” मैं तुमसे अब भी प्यार करता हूँ, जी नहीं सकता तुम्हारे बिना ....
उसका जवाव आया ,” ऐसा मत बोलो , तुम अच्छे इंसान हो तुम्हे मुझसे बेहतर कोई मिलेगा
उपकरण पर लिखा आया ,” मरना बेहतर होगा तुझ जेसे निकम्मे इंसान के लिए चल भाग अब
उसका आखिरी मेसेज था ,” चलती हूँ , फिर कभी मिलेंगे ,तुमसे बात कर के अच्छा लगा .... ..
उपकरण पर लिखा आया ,” क्यूँ मेरा टाइम खराब कर रहा है और भी कई कतार मे बेठे हैं बात करने के लिए”
इतना सब कुछ पढ़कर मैं टूट सा चुका था , मैंने उससे भुलाना चाहा नहीं भुला पाया फिर दोस्त के पास गया ,उसने कहा अब तो एक ही तरीका बचा है , वक़्त की छलांग लगा , और भूतकाल से उसे हमेशा के लिए अपनी यादों से मिटा दे , खुद को रोक उससे मिलने से , उसने मुझे वक़्त में पीछे जा कर अपने आप की गलती सुधारने का मौका दिया, मैंने वक़्त की लम्बी छलांग लगाईं और उस वक़्त मे जा पहुंचा जब हम पहली बार मिले थे , मैंने उसे देखा , देख कर रोया भी , खूब रोया आखिर वो पल आ चुका था जब अतीत में  मैं उससे मिलने वाला था पहली बार , वो कैंटीन में बेठी थी वहाँ हमारी मुलाक़ात होनी थी , मेरा अतीत का रूप उस की तरफ बढ़ रहा था , हम मिलने ही वाले थे की अचानक से मैंने आ कर अपने अतीत के रूप को धक्का दे दिया , मेरा अतीत का रूप सीधे 10 फीट की उंचाई से नीचे फर्श पर जा गिरा , उसके सर से खून बह निकला, उसकी हाथ की छोटी ऊँगली की हड्डी टूट चुकी थी , देखते ही देखते मेरे हाथ की छोटी ऊँगली भी गायब हो गयी , सब लोग उसे देखने आ गये , वो लड़की भी मुझे देख रही थी , मैं जिंदा था मतलब की मैं बच जाऊँगा , मुझे हस्पताल ले गए और वो मुझे हस्पताल ले जाते देखते रही , मेरा भविष्य का रूप भी अब गायब हो रहा था , मैने खुद को उससे मिलने से रोक लिया था , अब वो मेरे लिए अनजान थी ...मैं वापिस अपने समय मे आ गया था , मुझे कुछ याद नहीं था की मैं कौन हूँ , पर तभी याद आया की मुझे अपने दोस्त के पास जाना था क्यूंकि पिछल कई सालो से एक लड़की मेरे पीछे पड़ी हुई थी , जो रोज़ मुझे मेसेज कर कर के परेशान किया करती थी , और मुझे अपना जिगरी यार बताती थी और मुझे जानना था की आखिर ये लड़की ऐसा क्यूँ कर रही है , कहीं वो पागल तो नहीं , मेरे दोस्त ने मुझे ऐसा उपकरण दिया जिसे मन की बात जान सकें..
उसने बताया ,” अब दुबारा जब भी तुम फ़ोन पर उससे बात करो , इस डिवाइस को अपने फ़ोन के साथ जोड़ देना , ये डिवाइस हाथो के स्पर्श से भावनाओ को रेडियो तरंगो के  जरिए तुम तक पहुंचा सकता है मैं काफी उत्सुक्त था की अब तो मैं जान ही लूँगा आखिर क्यूँ वो मुझे इतने सालों से परेशान कर रही है,
मैंने उससे बात करना शुरू की
उसने पुछा दोस्त केसे हो ??
मैंने कहा अच्छा हूँ ?? और तुम ??
दोस्त के उपकरण पर लिखा हुआ आया ......” केसी विडंबना है , इतने साल हो गये प्यार को अब भी दोस्त कह कर पुकारना पड़ रहा है तुम्हे मेरे हमसफ़र, हाल क्या पूछते हो , बेहाल हो चुकी हूँ तुम्हारे बिना “
उसने पुछा क्या तुम सच में मुझ से प्यार नहीं करते ??
मैंने कहा ,” इन बातों के लिए मेरे पास वक़्त नहीं है ..
दोस्त के उपकरण पर लिखा आया ,” ऐसी भी क्या नाराज़गी ,सच्चा प्यार किया है तुमसे हमेशा करती रहूंगी , चाहे तुम करो या ना करो  ??
उसने पुछा ,” हमारे पहले प्यार का क्या हुआ फिर ??
मैंने कहा ,” वो हम सिर्फ दोस्त थे , जेसे पूरा कॉलेज होता है , वेसे तुम भी एक थी  “
उपकरण पर लिखा आया ,” उन दिनों को याद कर आज भी रोती हूँ पर तुम क्या जानो मेरे दिल की बातें , बातें दिल की तो होती हैं लव्जो की धोखे बाज़ी ”
उसने पुछा ,” एक बार मुझसे मिलने तो आ जाओ ??
मैंने कहा ,” नहीं मेरे एग्जाम चल रहे हैं ..
उपकरण पर लिखा आया ,” अगर एक बार तुम से मिलने का मौका मिले तो उस एक पल में ज़िन्दगी जी जाउंगी यकीन मानो मेरा .... “
 उसने  पुछा ,” मैं तुमसे अब भी प्यार करती हूँ जी नहीं सकती तुम्हारे बिना ....
मैंने कहा ,” ऐसा नहीं बोलना चाहिए , तुम एक अच्छी इंसान थी और तुम्हे तुम्हे मुझसे बेहतर कोई मिलेगा ज़रूर
उपकरण पर लिखा आया ,”कितनी बार कहूँ तुमसे यही बात बार बार कहती हूँ तुम पता नि क्यूँ भूल जाने का दिखावा करते हो....तुमसे बेहतर कोई नहीं इस दुनिया में,
मैं अब पक चुका था उसकी इस बकवास से मैंने कहा  ,”चलता हूँ , फिर कभी मिलेंगे, तुमसे बात कर के अच्छा लगा ....
उपकरण पर लिखा हुआ पढ़ कर आँखें भर आई मेरी ,”
मैं ना भाई तुझे ये सारा जग भाया
क्यूँ मेरे इश्क को तू समझ ना पाया
इक तरफ़ा इश्क ये जान लेता है ...
भरी भीड़ में भी अपने प्यार को पहचान लेता है..
दिल दिल की बात है , जिसका दिल जला इश्क की आग में ..
ना मिले उसे सुकून ठन्डे पानी और झूठ के झाग में..
मर मिटेंगे ये इश्क के मुसाफिर,इस अंधे इश्क के तूफ़ान में..
तुझे बेशक हज़ारो मिले ना मिल पायेगा कोई हमें इस जहान मे..
दोस्ती के नाम पर जो बेड़ियाँ तूने बाँधी है,प्यार जो तूने ठुकराया है...
मैं तो कहूँगी प्यार ना सही इस सफ़र में दर्द बेशुमार मैंने पाया है..

ये पढ़ कर आँखें भर सी गयी लेकिन हर किसी की अपनी ज़िन्दगी है हर किसी को प्यार चुनने का अधिकार है , अपने लक्ष्य और अपनी ज़िन्दगी के असूल होते है , हम हर किसी से प्यार नहीं कर सकते , ये मेरी मजबूरी है जो मुझे उसे एक दोस्त तक ही सीमित रखना पडा क्यूंकि बेशक वो मुझे चाहती हो पर मैं उसे नहीं चाहता , और ऐसे में मैं भला केसे उसके साथ खुश रह पाऊंगा , प्यार दोतरफा होना ज़रूरी है , एक तरफ़ा प्यार सचमुच जान ले लेता है ..FRIENDZONE अंग्रेजी भाषा का माना सबसे बेकार शब्द है पर ये शब्द भूले भटके आशिकों को सही मार्ग दिखाता है. किसी को FRIENDZONE करना बुरी बात नहीं ये आपकी नीजी ज़िन्दगी के लिए जरूरी है ,मगर आपको ये भी ध्यान रखना चाहिए ये नौबत अगर आई है तो इस गुनाह मे आप बराबर के गुन्हेगार हैं..आप किसी को अपने करीब आने देते हैं और फिर दूर जाने को कहते हैं , ये सब करना ठीक वैसे ही है जेसे आप खुद को कुछ पल के लिए ही सही सुन्दर दिखने के लिए , नाखूनों पर नेलपेंट लगाती हैं ,पर कुछ पल का दिखावा कुछ दिनों के लिए आपके नाखुनो पर चिपका रहता है , इसे मिटने मे वक़्त लगता है ,पर मिट ज़रूर जाता है...और अगर इससे भी अच्छा उधारण चाहिए तो , मोहल्ले में कभी घूम कर आना और किसी ऐसे शक्श से मिलना जिसने उस हर रात का मज़ा लिया मगर आज वो मज़ा उसके पीछे कतार मे उसके पीछे पीछे चल रहा है रेल गाडी की तरह , कारवा बन कर ,चुन्नू मुन्नू , टिंकू , पिंकू बन कर... आपका कुछ पल का फ़्लर्ट किसी की ज़िन्दगी उजाड़ सकता है , फिर आप कहेंगे , उफ्फ्फ ये आशिक , पर न्योता भी आपने ही दिया था तो मखियाँ तो आनी ही थी...
चलता हूँ फिर मिलूँगा एक नयी कहानी के साथ

आपका अपना कवि
$andy  poet


THE LOVE AGREEMENT

Hi friends, I want a little help from you. I have published a new book titled, "The love agreement" (एक प्रेम-समझौता).I am...

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