Spirituality, Love , Romance, History, Science fiction and much more......
Tuesday, 3 May 2016
Sunday, 1 May 2016
Saturday, 30 April 2016
Thursday, 28 April 2016
Wednesday, 27 April 2016
Tuesday, 26 April 2016
Thursday, 21 April 2016
Sunday, 17 April 2016
Sunday, 10 April 2016
Saturday, 9 April 2016
Friday, 8 April 2016
Wednesday, 6 April 2016
Thursday, 10 March 2016
Tuesday, 8 March 2016
Thursday, 3 March 2016
मेरे दोस्त का पैगाम
smile emoticon
कहता है इश्वर चाहो सबको, बात कहो मगर प्यार से..
मुक्ति नहीं मिल पाएगी तुमको..
जब तक रहोगे लिप्त काम,क्रोध,लोभ,मोह,अहंकार से...
देह को जो तुम्हारी नाम मिला..
नाम कमाने खातिर भीड़ गए इस भोले से संसार से...
केसे फैलाओगे तुम उजियारा..
जब तक खुद मुक्त ना हो जाओ तुम इस अन्धकार से..
इंसान गलतियों का पुतला है..
ना पहचानो उसे इन गलतियों के आकार से..
जंग जीत जाओगे मीठे लव्जो के सहारे..
ना जीत पाओगे चाक़ू छुरी ना तलवार से...
इश्वर कहता है की तुम मुझ जेसे उर्जा हो..
कभी प्यार किया नहीं तुमने मुझ निराकार से..
खुद को भुला कर तुम आईने पर फ़िदा हो..
तभी तो आज तक मुझसे तुम जुदा हो..
$andy’s
Friday, 26 February 2016
Tuesday, 23 February 2016
Monday, 22 February 2016
Wednesday, 17 February 2016
Saturday, 13 February 2016
$andy’s वैलेंटाइन डे स्पेशल पोएट्री
मेरे इश्क की कहानियां ये जग जहां जो सुनता है....
इक तू ही है जो दिल की धड़कने मेरी सुनती नहीं...
मैं दिल लुटा कर अपना, बंजारा बन कर बेठा हूँ यहाँ..
आँखें तेरी मुझे हज़ारो में फिर भी ना जाने क्यूँ चुनती नहीं..
पी पी के आब-ए-तल्ख़ क़यामत सी दिल मे रहती है अब..
बुझे दिल के चराग ,जहन्नुम सा ये सारा जहां लगता है..
चश्म-ओ-चिराग थे तुम तो दिल के ओ हमदम..
अब दिल गुमगश्ता भी तेरे बिन मेरा अब कहाँ लगता है..
डाका जो आहिस्ता से घुस कर मेरे दिल में तुमने जो मारा है...
बदल सा गया है इत्तिफ़ाक से, आलम ये सारा का सारा है
वो आलम अब तक वेसा ही है,लवो पर तेरा ही नाम रहता है..
हाथो में कभी गुलाब था मेरे, आज उन्ही हाथो में जाम रहता है...
तिश्नगी रहती है मुझको ऐ गुलबदन तेरे ही दीदार की..
आब-ऐ-चश्म आँखों से बहते गवाही देते हैं मेरे सच्चे प्यार की..
चाहता हूँ मै चाहत का मेरी हो कुछ ऐसा अंजाम...
नफ़्स चले जाए देह से बेशक, हो जाएँ अमर हम दोनों के नाम..
तराना प्यार को जो में गा रहा हूँ पूरी दुनिया को सुना रहा हूँ..
ये तराना नहीं गुज़ारिश है तुझसे,जो होकर बेबश गुनगुना रहा हूँ,
एहतियात से संभाला है मैंने जो इस बेनाम इश्क की कश्ती को..
फर्श से अर्श तक पहुंचा दे तू इस छोटी सी हस्ती को..
अलफ़ाज़ मेरे जो अश्क की तरह कलम से बह रहे हैं..
पढ़ कर हमे अमर कर दो तुमसे ये देखो कह रहे हैं..
इश्क में कोई फरेब ,कोई दगा, कोई साजिश ना हो..
वो इश्क ही क्या जिसे कर के हमे नाजिश ना हो..
कर लो कबूल ये पैगाम जो भेजा है लिखकर अपने ज़ज्वातो की स्याही से..
आशुफ्ता दिल को समझोगे जब तुम पढोगे इसे गहराई से..
ऐसा थामो हाथ मेरा कि खत्म दिल की ये इश्तियाक़ हो जाए..
जो गम के बादल बिछोड़े के थे बरसने से पहले ही वो ख़ाक हो जाएँ..
चाहो हमें इतना दिल से मेरे दिल-ओ –दिमाग में अमन हो जाए..
जहन्नुम बन चुकी जो दुनिया हमारी खिलकर गुलो का ये चमन हो जाए...
$andy’s
आब-ए-तल्ख़= शराब ; आब-ए-चश्म= आंसू ;आलम= समयकाल ;आशुफ़्ता= बौख़लाया हुआ आहिस्ता= धीमे से ;अन्जाम= अन्त ;अर्श=सर्वोच्च स्वर्ग ;अल्फ़ाज़= शब्द ;अश्क= आँसू ;एहतियात= सावधानी ;इज़्हार=घोषणा ;इत्तिफ़ाक़=संयोग ;इश्तियाक़= लालसा तराना= धुन ;तिश्नगी=अभिलाषा ;नाज़िश=गर्व ;नफ़्स= प्राण ;फ़रेब= धोखा ;क़यामत=उथल-पुथल गुमगश्ता= भटकता हुआ ;गुलबदन= कोमल सुडौल, सुन्दर ;चराग=दीपक ;चश्म-ओ-चिराग= आंख का प्रकाश, प्रिय ;जाम= प्याला ; जहन्नुम= नरक ; चमन= पुष्प वाटिका ; गुज़ारिश= अनुनय, विनय
Tuesday, 9 February 2016
Monday, 8 February 2016
Wednesday, 3 February 2016
Tuesday, 2 February 2016
Saturday, 30 January 2016
ऐलान- ऐ- इश्क
जुस्तजू प्यार की हुई
खत्म इस मुकाम पर....
तसव्वुर भी ठहर जाती है
बस तेरे ही नाम पर..
इन्तिखाब तेरा दिल ने मेरे
किया कुछ इस तरह..
ना रहा काबू मेरा, इस
नाज़ुक सी लगाम पर..
ये तोहफा नायाब इश्क का जो
हमारा है..
बिन तेरे तो एक दिन भी ना
अब गवारा है..
लग जा गले या नज़रों से मुझे
ज़लील कर दे..
दिल में जो नफरत तेरे उसे
इश्क में तू तब्दील कर दे..
हर धड़कन दिल की अब तो तुम
पर ही निसार है...
इस ज़माने में तुम पर ही तो
मुझको इतना एतबार है..
मेरे दिल पर इतना सा तू आज
ये एहसान कर दे..
“तू ही है कवि बस मेरा”
सारे जहां में ये ऐलान कर दे...
$andy’s
Wednesday, 27 January 2016
Friday, 22 January 2016
Thursday, 21 January 2016
Sunday, 17 January 2016
Saturday, 16 January 2016
Friday, 15 January 2016
Monday, 21 December 2015
ਇਸ਼ਕ਼ ਤੋਂ ਥੋੜਾ ਡਰ ਸਜਣਾ...
ਮੇਰੇ ਦਿਲ ਵਿਚ
ਕਿੰਨਾ ਪਿਆਰ ਸਜਣਾ;
ਵੇਖ ਤਾਂ ਸਹੀ ਫਰੋਲ
ਕੇ ਇਕ ਬਾਰ ਸਜਣਾ
ਅਖਾਂ ਮੇਰੀਆਂ ਚ ਹੈ
ਬਸ ਸੂਰਤ ਤੇਰੀ;
ਰਖ ਲਵਾਂ ਬਣਾ ਕੇ
ਕੋਲ ਆਪਨੇ ਮੂਰਤ ਤੇਰੀ .
ਸੁਤੀ ਪਈ ਨੂ ਰਾਤੀ
ਤੇਰੀ ਇਨੀ ਯਾਦ ਆਈ;
ਨੀਂਦ ਮੈਨੂ ਅੱਜ ਕਈ
ਦਿਨਾਂ ਬਾਦ ਆਈ.
ਸੁਪਨੇ ਵਿਚ ਵੀ ਤੂ
ਹੀ ਸੀ ਤਕਦਾ ਸੀ ਮੈਨੂ ਚੋਰੀ ਚੋਰੀ..
ਹੋਇਆ ਪਿਆ ਸੀ ਕਮਲਾ
ਤੂ ਵੀ ਵੇਖ ਕੇ ਸੂਰਤ ਮੇਰੀ ਗੋਰੀ ਗੋਰੀ..
ਮੇਰੀ ਗੁਟ ਨੂ ਫੜ
ਕੇ ਮੈਨੂ ਬੜਾ ਸਤਾਉਂਦਾ ਸੀ..
ਜਿਥੇ ਜਾਵਾਂ ਉਥੇ
ਹੀ ਤੁਰਿਆ ਚਲਾ ਆਉਂਦਾ ਸੀ..
ਤੇਰੇ ਬੁਲਟ ਤੇ ਬਹਿ
ਕੇ ਤੇਨੁ ਘੁਟ ਕੇ ਜਫੀ ਮੈ ਪਾਈ ਸੀ..
ਤੂ ਵੇਖੇ ਮੇਰੇ ਹਥਾ
ਵਲ ਤਾਹੀਂ ਸੋਹਣੀ ਮੇਹੰਦੀ ਮੈ ਲਾਈ ਸੀ..
ਚੂਮ ਚੂਮ ਮੇਰਿਆ
ਗਲਾਂ ਨੂ ਤੂ ਥਕਦਾ ਨੀ ਸੀ ਕਦੇ..
ਕੋਈ ਰਾਜ਼ ਚੋਰੀ
ਮੇਥੋਂ ਤੂ ਰਖਦਾ ਨੀ ਸੀ ਕਦੇ..
ਪਾ ਕੇ ਜਫਿਆਂ ਨਾਲ
ਮੇਰੇ ਤੂ ਸੋਂਦਾ ਸੀ ..
ਮੈਨੂ ਪਾਉਣ ਲਈ ਤੂ
ਕਿੰਨਾ ਕਿੰਨਾ ਚਿਰ ਰੋਂਦਾ ਸੀ ..
ਅੱਜ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਮੇਰੀ
ਦੇ ਕਈ ਸਾਲ ਗੁਜ਼ਰੇ ,
ਅਧੇ ਤੇਰੇ ਤਾਂ ਅਧੇ
ਤੇਰੀਆਂ ਯਾਦਾਂ ਨਾਲ ਗੁਜ਼ਰੇ..
ਕੀ ਹੋਇਆ ਤੇਨੂ ਜੋ
ਛਡ ਮੈਨੂ ਤੁਰ ਗਿਆ ਮੁਲਕ ਬਗਾਨੇ..
ਹੁਣ ਕਿਉ ਨੀ ਲਭਦਾ
ਤੂ ਮੇਰੇ ਨਾਲ ਮਿਲਣ ਦੇ ਬਹਾਨੇ..
ਲੋਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਸੀ
ਇਕ ਬਾਰ ਵੇਖ ਤਾ ਸਹੀ ਪਿਆਰ ਕਰਕੇ,
ਪਿਆਰ ਵੀ ਕੀਤਾ ਹੁਣ
ਵੇਖ ਲਿਆ ਇੰਤਜ਼ਾਰ ਕਰਕੇ..
ਤੂ ਮੇਰੇ ਤੇ ਮਾਰਦਾ
ਸੀ ਮੈ ਵੀ ਤਾ ਤੇਰੇ ਉਤੇ ਮਰਦੀ ਸੀ..
ਤੇਰੇ ਵਰਗੇ ਨਾ ਮਿਲ
ਜਾਣ ਕੋਈ ਤਾ ਹੀ ਪਿਆਰ ਤੋ ਡਰਦੀ ਸੀ..
ਦੁਨਿਆ ਚ ਵੇਸ਼ਕ
ਕੁਆਰਾ ਕੋਈ ਰਹਿੰਦਾ ਨਹੀ ਸਜਣਾ ..
ਪਰ ਦਿਲ ਦਾ ਪੰਛੀ
ਹਰ ਡਾਲ ਉਤੇ ਬਹਿੰਦਾ ਨਹੀ ਸਜਣਾ ..
ਮੁੜ ਆ ਅੱਜ ਵੀ
ਮੇਨੂ ਤੇਰੇ ਮੁੜਨ ਦੀ ਆਸ ਹੈ..
ਮੈ ਤੇਰੇ ਇਸ਼ਕ ਵਿਚ ਕਮਲੀ ,ਮੈਨੂ ਤੇਰੇ ਇਸ਼ਕ਼ ਦੀ ਪਿਆਸ਼ ਹੈ..
ਲਿਖਾਂਗੀ
ਤੇਰੇ ਇਸ਼ਕ਼ ਦੇ ਕਿੱਸੇ , ਬਣਾ ਕੇ ਗੀਤ ਉਨ੍ਹਾ ਨੂ
ਗਾਵਾਂਗੀ ਹੁਣ..
ਮਰ ਜਾਵਾਂਗੀ, ਪਰ ਭੁਲ
ਕੇ ਵੀ ਦਿਲ ਕਿਸੇ ਨਾਲ ਨੀ ਲਾਵਾਂਗੀ ਹੁਣ..
ਮੈਂ ਅਜ ਕੱਲੀ ਹਾਂ,
ਤੇਰੇ ਇਸ਼ਕ਼ ਵਿਚ ਝਲੀ ਹਾਂ,ਕੁਛ ਤਾ ਰਹਿਮ ਥੋੜਾ ਕਰ ਸਜਣਾ...
ਬੜੀ ਪੀੜ ਹੈ ਇਸ ਜੁਦਾਈ
ਵਿਚ, ਇਸ਼ਕ਼ ਤੋਂ ਥੋੜਾ ਤੂ ਵੀ ਡਰ ਸਜਣਾ..
$andy’s
Wednesday, 16 December 2015
Saturday, 12 December 2015
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