Saturday, 4 March 2017

ESCAPE FROM EARTH(PART 1) SCI-FI STORY

                                  

3:11 PM शनिवार भारत
रोज़ के जेसा एक साधारण दिन था, समय अपनी रफ़्तार से अपनी उसी गति में बह रहा था , शिनाया अपने ऑफिस में काम कर रही थी , उसका ऑफिस चौथी मंजिल पर था , वो उस दिन काफी गर्मी महसूस कर रही थी , घडी की सुई 3 बजकर 11 मिनट दिखा रही थी , वो काम करती रही और पास रखी पानी की बोतल वो तीन चार बार खाली कर चुकी थी , बेहद की गर्मी थी , दिन कुछ ज्यादा ही लम्बा लग रहा था मानो वक़्त गुज़र ही नहीं रहा हो थम गया हो .. अनिरुध उसका एक दोस्त जो बिलकुल उसके जेसा अनुभव कर रहा था , पूरा ऑफिस का स्टाफ काम कर कर क थक चुका था , आखिर घडी ने 6 बजा दिए , सब लोग खुश थे की आखिर दिन खत्म हुआ  थकान कम होगी थोड़ी इसी उम्मीद के साथ सब लोग ऑफिस से निकल गये..  
4:41 AM शनिवार वाशिंगटन

केंट ब्रुक्स वाशिंगटन में रहता है , सुबह के चार बज रहे थे , वो गहरी नींद में था , कैली स्मिथ जो की उसकी गर्ल फ्रेंड थी , कुछ  ही देर में उसका मेसेज आता है , फ़ोन की लाइट से कमरा रौशनी सभर जाता है , समय देखा तो 5 बज चुके थे , दोनों को कहीं जाना था , तो वो सुबह जल्दी उठ कर पहली फ्लाइट को पकड़ना चाहते थे , केंट और कैली दोनों अपने अपने घर से निकल जाते हैं , वो कुछ असमंजस में थे सात बजनेको आये थे लेकिन रात थी की आसमान पर चिपक ही गयी थी .. लोग घरो से निकल आते हैं आसमान काला था तारे आसमान में जगमगा रहे थे , सब हैरान थे ये क्या हो रहा है भला ??
उधर शिनाया और अनिरुध जेसे ही अपने स्टाफ के साथ बहार निकलते हैं तो देखते हैं की सूरज की चमक बिलकुल दोपहर जेसी थी , शाम के 7 बज चुके थे मगर , गर्मी उतनी ही थी , सूरज बिलकुल सर के ऊपर था , मानो सूरज थम गया हो , गर्मी बढती ही जा रही थी , लोग हैरान , परेशान , आखिर ये क्या हो रहा है ,
7:00 PM शनिवार बीजींग ,चीन
लियु का आज जनम दिन था शाम हो चुकी थी , उसे रात का इंतज़ार था लेकिन ये क्या यहाँ भी वोही गड़बड़ थी समय मानो थम सा गया था रात के इंतज़ार में लियु और सारा चीन शाम के ढलते सूरज को देख रहा था मगर सूरज तो थम गया था वो जाने का नाम ही नहीं ले रहा था..
पेरिस , जापान , सिडनी , रोम, इंग्लैंड, रूस , थाईलैंड , दुबई , सिंगापुर हर तरफ लोग हैरान थे की आखिर हुआ क्या , ये तो बिलकुल ऐसा था मानो टीवी देखते देखते एक दम से सिग्नल चले जाना ..
ग्रीन लैंड पर रहने वाले लोग सूरज को उगते हुये देख रहे थे की अचानक वो वोही थम गया और लोगो की चिंता बढ़ गयी लोग काम के लिए जाए तो केसे
कैली अपने बॉयफ्रेंड केंट से कहती है, केंट ये क्या चल रहा है मेरी घडी में 7 बज चुके हैं लेकिन अब तक दिन क्यूँ नहीं हुआ , सूरज कहाँ है ,
केंट बड़े ही अजीबो गरीब अंदाज़ से कहता है ,” मुझे तो खुद कुछ समझ नहीं आ रहा देख रही हो ये लोगो की  भीड़ ये सभी भी हैरान हैं.
नासा और इसरो के महान वैज्ञानिक आखिर एक लाइव टेलीकास्ट करते हैं , जिसमे वो मिल कर दुनिया को बताते हैं ,” हमारी पृथ्वी ने घूमना बंद कर दिया है , वो थम चुकी है , इसीलिए जहाँ दिन है वहां दिन है , जहाँ रात है वहां रात है , इसे आप इंसानियत का अंत समझ सकते हैं , क्यूंकि कुछ ही देर में सूरज के सामने वाले देश गर्म होना शुरू कर देंगे , वहां पर रहना नरक में जीने जेसा हो जाएगा , वही जो देश अँधेरे में हैं वो भी कुछ दिनों में ठन्डे होने लगेंगे और यहाँ के लोग ठण्ड से मारे जाएंगे. इसीलिए अब बचने का कोई रास्ता शेष नहीं, इश्वर हम सब की रक्षा करेगा ..”
लोगो में हडकंप मच जाता है , लोग पागल हो जाते हैं , उनकी आँखों में जीने की आस थी , मगर अब वो बेबश हो चुके थे , लोगो में कोहराम मच जाता है , शिनाया और अनिरुध जब ये खबर सुनते हैं तो उनके पेरो के नीचे से ज़मीन खिसक जाती है , लियु का जन्मदिन ऐसी तबाही लाएगा उसने कभी सोचा भी नहीं था ,लोग अपने घरो से निकल कर सडको पर आ जाते हैं,
वार्नर जो एक लेखक है , और एक वैज्ञानिक भी है , उसने अपनी किताब के 60 नंबर पेज को खोल रखा है जो अपनी छोटी सी लाइब्रेरी मे बेठा है और कुछ कागज़ पर लिख रहा था , किताब पर अल्बर्ट आइंस्टाइन की मशहूर थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी थी , जिसमे लिखा है ब्रहमाण्ड में जब आप सफ़र करते हैं प्रकाश की गति से तो वक़्त आपके लिए ठहर जाता है, टाइम डाइलेशन , और कर्व  स्पेस टाइम के बारे में बताया गया है, ये थ्योरी लाज्वाव है, जिसमे बताया गया है की गुरुत्वाकर्षण नाम का कोई बल है ही नहीं , ये थ्योरी हमें भविष्य और हो सकता है अतीत की सेर भी करवा सकती थी , जेसे जेसे आप गति पाते हैं या किसी महान गुरुत्वाकर्षण के निकट होते हैं आप के लिए समय धीरे हो जाता है , वो अपने गणनाओ से पता लगा चुका था की धरती का रुकना स्वाभाविक था , वार्नर की लाइब्रेरी में अँधेरा था , एक लैंप की रौशनी में वो काम कर रहा था बीथोवेन का मधुर संगीत था और वो कुछ ना कुछ लिखता ही जा रहा था.. वार्नर खिड़की से बाहर देखता है , अँधेरा था जो कभी ना खत्म होने वाला अँधेरा था , वो दूर बेठे चाँद को मानो ऐसे देख रहा था जेसे वो ही इस सब की वजह हो , वास्तव में वोही इन सब की वजह था , चाँद का गुरुत्वाकर्षण समंदर में ज्वार लाता है , और वज्ञानिक मानते हैं की धरती नेब्युला के फटने से बनी है और तब से घूम रही है , कोई चीज़ जितनी सिकुड़ती जाती है उसकी गति तेज़ होती जाती है मोमेंट ऑफ़ इनेर्सिया की वजह से , वो तब तक घूमती है जब तक कोई बाहरी बल उसे ना रोके और वो बल जिएय वज्ञानिक तुच्छ समझते थे , आज वोही चाँद की गुरुत्वाकर्षण की शक्ति धरती पर जीवन खत्म होने की वजह बनने जा रही है , धरती पर वक़्त ठहर चुका था मगर वास्तव में अब भी वो 4D स्पेस टाइम में सफ़र कर रही थी सूरज के इर्द गिर्द चक्कर लगा रही थी , अगर उसके लिए वक़्त ठहर जाता तो इसका अर्थ ये था की वो प्रकाश की गति से सफ़र कर रही है , मगर ऐसा करना संभब ही नहीं था , ऐसा आइंस्टाइन का कहना था , ऐसा करने पर वस्तु का द्रव्यमान बढने लगता है और वो धीमे हो जाती है , इसका अर्थ था की वक़्त सिर्फ हम धरती पर बेठे लोगो के लिए ही ठहरा था , ब्रह्माण्ड में अभ भी हम सूरज के इर्द गिर्द घूम रहे थे..
वार्नर , अपनी असिस्टेंट डायना बुलाता है बड़े ही खामोश स्वर में मायूशी से कहता है , “ क्या चल रहा है बाहर ??”
डायना अपनी मधुर आवाज में कहती है , “ सर वोही जो आपने कुछ महीने पहले अनुमान लगाया था “
किसी का कोई फ़ोन ?? वार्नर पूछता है , “नहीं सर “ डायना ना में सर हिलाती है ,
वार्नर सिगार फूंकता हुआ फिर खिड़की से सडको की तरफ देखता है लाखो लोग सडको पर गाडियों का जाम लगा है , पुलिस की गाड़ियां और हेलीकोप्टर  से निकलती लाल नीली रौशनी उसके चेहरे पर पड़ रही थी और हवाई जहाज़ का शोर उसके कान में चुभ रहा था.
चीन में लियु अपने पापा हान से पूछती है,” डैड हम कहाँ जाने वाले हैं ??
हान गहरी सांस लेता है और कहता है ,” जहाँ इश्वर चाहे “
लॉस वेगास में आज जश्न की रात थी ,” नौजवान उस रात को पूरा खुश थे उन्हें ये आखिरी रात जेसा लग रहा था. वो नशे में डूबे हुए थे.. कोई रोक टोक नहीं थी सडको में हुडदंग मचा था सुहानी रात थी उनके लिए...लड़के लडकिया सब जश्न मना रहे थे , उनके लिए ये प्यार के इज़हार का दिन बन चुका था .. मौत से पहले की ख्वाइस हर कोई पूरी करना चाहता था...
ना उस समय हमारे पास ऐसी कोई तकनीक थी की धरती से बाहर निकला जाए.. 700 करोड़ इंसानों को धरती से निकालना नामुमकिन था , जबकि लोगो को अब उम्मीद थी की धरती दुबारा घूमना शुरू कर दे..मध्यम और गरीब वर्ग के लोग तो इश्वर पर उम्मीद लगाए हुए थे , जबकि उच्च वर्ग के लोग अमीर लोग , धरती से बाहर जाने वाले उन 30 स्पेस शटल की ताक में था , जिन में से 9  भारत के श्रीहरी कोटा  से रवाना होने वाले थे , 5 अमेरिका के नासा की तरफ से ,  2 फ्रांस से , 4 रूस से  ,  3 चीन से  2 यूनाइटेड किंगडम  से 2 जापान और साउथ कोरिया , ईरान , इजराइल ये तीनो देश एक एक स्पेस शटल भेजने वाले थे..  दुनिया में अभी तक स्पेस में जाने की ऐसी तैयारी कभी नहीं हुई थी जो इस साल से शुरू हुई थी ऐसा लगता था वैज्ञानिकों को पहले से ही ज्ञात  था ऐसा कुछ होने वाला है , इन अंतरिक्ष यानो में कुल 10832 लोग ही अंतरिक्ष में जा सकते थे .. इनके इलावा ये सभी देश एक एक ऐसा अंतरिक्ष यान भेज रहे थे जिसमे इंसान नहीं जा सकते थे और सिर्फ खाद्य सामग्री और बहुमूल्य पौधे , जीव , जानवर , और वो सभी उपयोगी चीज़ें थी जिनकी अंतरिक्ष में जीने के लिए ज़रूरत थी ..
भारत का  हर यान 500 लोग ले जाने के काबिल था यानी भारत से 4500 लोग अंतरिक्ष जाने वाले थे भारत से..अमेरिका का एक यान 400 लोग ले जाने में सक्षम था यानी 2000 लोगो की क्षमता...फ्रांस के दो यान कुल मिलकर 600 मुसाफिर ले जा सकते थे ...रूस के हर यान में 300 लोग आ सकते थे यानी 1200 लोग ...चीन के तीन यान कुल मिलकर 1200 मुसाफिर ले जा सकते थे...यूनाइटेड किंगडम का हर यान 100 लोग ले जा सकता था यानी 200 लोग ..जापान का यान 200 लोग ले जा सकता था यानी 400 लोग ..साउथ कोरिया का यान 232 मुसाफिर ले जा सकता था ...ईरान का यान एक साथ 300 लोग ले जा सकता था ..इजराइल का यान 200 लोग ले जाने की क्षमता रखता था....
मनुष्य अपनी एक छोटी सी बस्ती मंगल पर बसा चुका था जहाँ इस समय 40 लोग मंगल पर जीवन का अध्यन कर रहे थे , मगर उन्हें ये नहीं मालुम था की जल्द ही धरती वहां आ कर बसने वाली है , सब लोग हैरान थे की आखिर जिसे हम एक कल्पना मानते थे , मंगल पर अक्सर साइंस फिक्शन की कहानियो में ही कभी इंसान गया था लेकिन अब वो सच मुच धरती से मंगल पर जाने वाला था , जो सब कुछ इतनी जल्दी हो गया लोगो को सोचने का वक़्त ही नहीं मिला ..और ना ही इंसानों को तैयारी का वक़्त मिल पाया , क्यूंकि इतनी कम अंतरिक्ष यान जो सिर्फ कुछ दस हज़ार लोगो के ले जाने के काबिल थे , तो बाकी बची 700 करोड़ आबादी का क्या होगा ..
जो वैज्ञानिक धरती के जीवन को कई हज़ार सालो का बताते थे वो आज मौन थे ...
धरती का आधा हिस्सा जहाँ भारत चीन और अफगान जेसे देश आते थे वह की गर्मी असहनीय हो चुकी थी.. लोग हवाई जहाजों से ठन्डे इलाको की तरफ जाने लगे थे ...
शिनाया और अनिरुध को लगता है उनका प्यार अधूरा रह गया , अनिरुध शिनाया से प्यार का इज़हार भी नहीं कर पाया था .. और उसे दुःख था की उनका अंत निकट है ..
गर्मी से भारत के कई जंगलो में आग लग चुकी थी , पेड मुरझाने लगे थे , रेगिस्थान की रेत आग का समंदर बन चुकी थी रात के एक बज्ज रहे थे भारत में मगर सूरज सर पर खड़ा सब को खा पिघला रहा था ...वही दूसरी और केंट और केली देख रहे हैं की दिन के 12 बज चुके थे मगर आसमान काला था , और ठण्ड बढती जा रही थी...

वार्नर और डायना अपनी गाडी में बैठकर  नासा की तरफ बढते हैं मगर ट्रैफिक जाम में फंस जाते हैं..
डायना मेरा मन रेडियो पर बीटल्स के गाने सुनने को कर रहा है  सुनोगी ??
डायना मुश्कुराते हुये ,” हाँ क्यूँ नहीं और तो हम क्या कर सकते हैं सर “
रेडियो पर हर चैनल पर एक ही खबर थी दुनिया का अंत धरती ने घूमना बंद कर दिया .. मार्स चलो
वार्नर डायना से पूछता है ,” मार्स जाने का क्या ख्याल है तुम्हारा ??“
डायना हस्ती है औरबड़े तर्क से कहती है ,” मार्स की मिटटी से मेरी स्किन खराब हो सकती है , मैं इस ठण्ड में ही मरना पसंद करुँगी सर ..”
वार्नर सिगार फूंकते हुए बोलता है ,” तो तो फिर मुझे भी यही रहना पड़ेगा तुम्हारे लिए “
दोनों हसने लगते हैं और डायना हस्ती है फिर एक दम से रोते हुये वार्नर का हाथ पकड़ लेती है..
सबको अपने अंत का अंदाजा था की अंत नज़दीक है , पर कुछ ऐसे लोग भी थे जो इश्वर पर विश्वास रखते थे , और कुछ ऐसे थे जो विज्ञान पर विश्वाश रखते थे , मगर एक ऐसा इंसान भी था जो विज्ञान और इश्वर दोनों पर विश्वाश रखता था , वो जानता था की धरती का विनाश इतनी जल्दी संभव नहीं था जिसे वो आंतरिक आवाज कहता था वो इसरो का एक महान विज्ञानिक था , वो था चंद्रमौली मेनोन , नाम का अर्थ था भगवान् शिव जो विनाशक है , और चन्द्र को सर पर धारण करते हैं , ये सारी घटना भी चन्द्र और पृथ्वी पर आधारित थी , पृथ्वी भी तो चन्द्र को अपने शीश पर धारण करती है .. चंद्रमौली विज्ञान और आध्यात्मिकता को एक साथ देखता था समझता था और उसने पाया की डॉन की शुरुआत बिग बेंग थ्योरी से शुरू होती है और एक ही बिंदु पे खत्म होती है ..उसके अनुसार अभी धरती के  अंत का समय दूर था मगर इतना भी दूर नहीं की हम सब कुछ भूल जाए , पर ये जो हुआ वो अचानक हुआ , चंद्रमौली केरल से था , वो बंगलोर के इसरो केंद्र में विज्ञानिक था , चंद्रमौली की गणना कहती थी की धरती घूमना इस तरह से बंद नहीं कर सकती , क्यूंकि यदि धरती ऐसा करती है तो हर प्राणी हर इमारत इस धक्के से एक तेज़ धक्का खाएगी , जिससे सब नष्ट हो जाएगा , सारी कॉन्टिनेंटल प्लेट्स एक दूसरे से तक्रेंगी और तेज़ भूकंप आएगा हालाकि अपना वायुमंडल उसी गति से घूमता रहेगा .. जहाँ लोग धरती से पलायन करने की होड में थे , सभी धर्मो के लोग आज एक हो चुके थे , इंसानियत  नाम का धर्म सिर्फ शेष था , लोग अपने अपने इश्वरो को याद कर रहे थे , वही , नासा  इसरो के कुछ विज्ञानिक इस बात पर अडे थे की ये सब एक भ्रम है , जो लोग आइंस्टाइन की कर्व स्पेस थ्योरी जानते थे और समझते थे वो इस बात से संतुष्ट थे की सब नार्मल था , धरती किसी खतरे में नहीं थी.. आइंस्टाइन की ये थ्योरी कहती है की लाइट भी ग्रेविटी की वजह से मुडती है , कोई प्रकाश ज़रूरी नहीं सीधा ही चले , वो भी गुरुत्वाकर्षण से मुड़ता है , झुकता है , चन्द्रमौली और उन सभी विज्ञानिको की गणना सही थी , और वार्नर भी शायद उन में से एक था , जो भी समझता था ये सिर्फ एक छलावा  था , 12 घंटे के एक लम्बे समय के बाद ये बात सच साबित हुई..
चंद्रमौली ने एक लाइव जानकारी दी सब टेलीविज़न चैनल पर ,” हमारी पृथ्वी खतरे से बाहर है , हम अभी धरती पर ही रहेंगे कुछ और साल “
बस इतना सुनना था पूरा विश्व ख़ुशी से झूम उठा लोग लिपट लिपट कर अपने प्यारे साथिओ संबधियो से मिलने लगे , सब खुश थे , सबकी आँखों में आंशु थे , शिनाया और अनिरुध को जीने की नयी राह मिली , अनिरुध ने शिनाया को गले लगाया , केंट और कैली दोनों गले लगे , और जी भर कर रोये , लियु ने अपने पापा हान को गाल पर चूमा और नए जीवन की ख़ुशी ज़ाहिर की .. वार्नर और डायना तो पहले ही सब जानते थे दोनों ने एक दूसरे को प्यार भरी नजरो से देखा और हसने लगे.. चंद्रमौली ने विश्व के सभी विज्ञानिको को धन्यवाद किया , उसने बताया की अंतरिक्ष पर जाने की हमारी तैयारी कितनी कम है , विज्ञानिको को इस बात पर गौर करनी चाहिए , चन्द्र मौली  ने इस सब का कारण समझाया “उसने कहा ,” ये पृथ्वी का दोष नहीं था , ये सूर्य का दोष था , सूर्य ने अपनी जगह में बदलाव किया , वो कुछ मील ईस्ट की तरफ खिसक गया , और धरती भी उसके साथ खिसकी , मगर उसकी रौशनी धरती के स्पेस टाइम कर्व की वजह से मुड गयी थी , वास्तव ने जब सूर्य सीधा होता है अपनी जगह पर तो उसकी रौशनी हम पर बराबर पड़ती है दिन रात होते हैं , मगर सूर्य के चलने से उसकी रौशनी सामानांतर मुडती गयी , जिससे हमे ये एहसास हुआ की धरती रुक चुकी है वातव में धरती भी सूर्य के साथ साथ मुड रही थी , ज्योंकि अब सूर्य स्थिर है धरती फिर से दिन रात बनाने शुरू करेगी , अभी का भारत का सही समय है , 7:04 PM और इसी को अन्तराष्ट्रीय समय का आधार माना जाए , हमे अभी और अंतरिक्ष यानो की जरुरत है ताकि आनी वाले समय में हम और अधिक इंसानों को मंगल पर ले जाने की शमता रख सके.. फिलहाल कुछ वर्षो के लिए हम सुरक्षित हैं , मगर ऐसा दिन भोत जल्द आने वाला है फिर से .. और हमे अपने अंतरिक्ष को समझना होगा .. 10832 लोग नहीं हम पूरी मानव सभ्यता को अंतरिक्ष में ले जाने के काबिल बने...आप अब चैन की नींद सो सकते है , देखो भारत वासियों सूरज डूब रहा है “
शिनाया को एक नया हमसफ़र मिला .. और धरती फिर से अपनी धुरी पर घूमने लगी , मगर वो 30 यान जो हमने बनाए हैं  वो बहुत जल्द काम आने वाले हैं , चलो लियु की बर्थडे पार्टी पर चले , हालाकि वो एक दिन लेट हो गयी मगर चलता है ... चलता हूँ जल्द लौटूंगा इस कहानी के अगले पार्ट के साथ , फिलहाल आप सुरक्षित हैं .. प्रेम से ज़िन्दगी का मज़ा लीजिये क्या पता कब धरती घूमना बंद कर दे , और आपको वीरान मंगल पर जाना पड़ जाए इसीलिए कुदरत को देखिये उसकी तारीफ़ कीजिये ये धरती सुन्दर है , विज्ञान और आध्यात्म दोनों रोचक हैं .. थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी पढना ना भूलें ...
आपका अपना कवि
$andy’s


   

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