Monday, 8 June 2015

प्रेम प्यासा दिल


धड़कन की धमक से मन डोलता है मेरा...
मुझसे कभी मतवाला हो दिल बोलता है मेरा...
खुशबू से होता है बेकाबू बन जाए दीवाना...
ये दिल बंजारा है, नहीं कोई इसका ठिकाना...
रत्ती भर प्यार से ललचाता है ये ...
खूबसूरती पे तो जान फ़िदा कर जाता है ये ...
प्यार की लत लग जाए तो यादों मे भी खोता है ये...
खोये बचपन की याद जब आये, बन बच्चा फिर रोता है ये...
कभी आँखों के नशे मे खोकर चकनाचूर होता है....
याद करता है कभी उसको भी जो आँखों से दूर होता है ..
इक सरगम है दिल में कभी सुरीली तो कभी बेराग है....
दिल इक ज्वालामुखी जिसमे दहकती इश्क की आग है...
दिल खुराफाती , दिल शैतान , दिल की करनी से मज़ा मिले...
दिल की शैतानियाँ ऐसी भी कभी उल्टा उसको ही सजा मिले...
दिल पोपट है , दिल नाजुक है, दिल निन्यानवे का फेर है...
दिल तो ठहरा प्यार का प्यासा, बस प्यार मिलने की देर है...
कोई एक से, कोई अनेक से , दिल लगाए दिल नेक से...
दिल से दिल मिल गये तो कल्याण समझो ,ठहरे जो आखिर एक से.....
$andy's


2 comments:

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Hi friends, I want a little help from you. I have published a new book titled, "The love agreement" (एक प्रेम-समझौता).I am...

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