Sunday, 12 April 2015

THE UGLY TRUTH



चार्ल्स फिशर 13 साल का था , और डेबरा नेल्सन उसकी ही क्लास में पढने वाली लड़की थी, डेबरा बहुत सुन्दर थी पूरे वर्जिनिया में डेबरा के दीवाने थे दोनों अमरीकी बच्चे  वर्जिनिया के यॉर्क टाउन हाई स्कूल में आठवे ग्रेड में थे , चार्ल्स और डेबरा एक ही क्लास में पढते थे ,घर भी काफी करीब थे ,मगर कभी एक दूसरे की तरफ उन्होने ध्यान ही नहीं दिया , बिलकुल अनजान से थे.. आज डेबरा का जन्मदिन है , स्कूल में सब दोस्त मिल कर डेबरा का जन्मदिन बड़ी धूम धाम से मनाते हैं,
हे , चार्ल्स चॉकलेट्स ??? डेबरा चार्ल्स की तरफ डिब्बा करते हुये पूछती है.. ,” चार्ल्स एक उठाता है और थैंकस कह कर पूछता है , “ कितने साल की हो गयी तुम डेबरा ??” डेबरा बडे फुर्तीले स्वर में कहती है ,”13 साल”
चार्ल्स अपने दोस्त हेनरी से कहता है ,” ओये हेनरी आज चॉकलेट कुछ ज्यादा ही मीठी लग रही है वे ..” हेनरी उछलता हुआ कहता है ,” हाँ यार पेट ना खराब हो जाए कहीं “
चार्ल्स अनजान था की आज उसे वो चॉकलेट इतनी मीठी क्यूँ लगी .. वो रास्ते से जा ही रहा होता है की वहीँ उसे डेबरा दिखती है , वो उसके पास जाता है और लाल शर्माते हुये चेहरे से पूछता है , “ तुम्हारी दी हुई चॉकलेट कुछ ज्यादा ही मीठी थी , मेरे यहाँ (वो दिल पर हाथ रखते हुये कहता है) , मेरे  यहाँ पर बहुत तेज़ दर्द हो रहा है , डेबरा उसकी ऐसी बातें सुन कर घबरा सी जाती है और बिना कुछ बोले वहां से भाग जाती है ..
अगले दिन चार्ल्स डेबरा के लिए फूल और चॉकलेट्स ले कर आता है , डेबरा बिना कुछ कहे फिर वहां से भाग जाती है ..
ओये हेनरी यार ये लडकियां साली इतनी नखरे क्यूँ दिखाती हैं?? चार्ल्स हेनरी से मतवाला होकर पूछता है..
हेनरी ,” क्यूंकि इनके पास वो है जो हमारे पास नहीं...
और दोनों जो जोर से हसते हुए लडकियो के सामने से निकल जाते हैं ..
हेनरी एक दिन मार्किट से घर जा रहा था तो उसे डेबरा दिखती है, वो अपने लिए कपडे देख रही थी.. पर एक ड्रेस थी जिसे वो लेना चाहती थी मगर पेसे कम पडने की वजह से नहीं ले पायी , हेनरी चार्ल्स को फ़ोन लगाता है पूरी बात बताता है , चार्ल्स अभी बच्चा था पेसे कहाँ से लाता , तो डेडी के वोलेट से 1000 डॉलर चुरा लेता है , और हेनरी के साथ दुकान पर जाता है,
हेनरी ,” चार्ल्स वो रही ड्रेस ,.. चार्ल्स पूछता है,” कितनी की है” ,सेल्समेन बोलता है ” 530 $”   हेनरी सुन कर हैरान ,” इतनी महंगी ..”    चार्ल्स ऐंठता हुआ बोला ,” देदो और वो भी साथ मे दो “ सेल्समेन हैरानी से पूछता है ,” साइज़ तो बताओ तभी दे पाऊंगा ये चीज़ तो  “    हेनरी चार्ल्स और सेल्समेन तीनो जोर जोर से हसने लगे”  चार्ल्स ,” साइज़ तो पुछा नहीं ओये हेनरी साले तुझसे एक काम भी नहीं होता...”
अगले दिन चार्ल्स वो ख़ास ड्रेस और कुछ अंडर गारमेंट्स लेकर पैक करवा कर डेबरा को भरी क्लास में दे डालता है , डेबरा को ज़रा भी अंदाजा नहीं था की उस पैकेट के अन्दर से क्या निकलने वाला है. वो भरी क्लास के सामने चार्ल्स की जिद्द की वजह से वो पैकेट खोलती है , और उसकी आँखें ये सब देख कर रो देती हैं ,पूरी क्लास के सामने डेबरा की ऐसी बेज्जती होती है सारी क्लास ज़ोरों से हसने लगती है ,चार्ल्स समझ नहीं पाया की इसमें हसने वाली क्या बात थी .. पर वो कहीं ना कहीं जानता था की उसने कुछ गलत कर दिया है .... अगले दिन डेबरा स्कूल नहीं आती ,.एक हफ्ता स्कूल ना आने के कारण चार्ल्स और हेनरी पागल हो जाते हैं , वो उसके घर के आसपास चक्कर लगाते हैं दीवारों पर स्प्रे पेंट से , आई लव यू डेबरा लिखतें हैं , पर डेबरा ने खुद को घर में कैद कर लिया ... 10 दिन बाद डेबरा स्कूल आई क्लास शांत थी .. चार्ल्स वहीँ कोने में बेठा खिड़की से बाहर झाँक रहा था .. हेनरी इशारा करता है , “ चार्ल्स डेबरा आ गयी “ चार्ल्स के दिल मे बिस्फोट हुआ वो आज डेबरा के पास गया उसके हाथ पकड़ कर कहता है ,” की वो उससे प्यार करता है , उसका मज़ाक बनाने का उसका कोई ख्याल नहीं था ...और डेबरा चुप चाप बेठी रहती है , भरी क्लास में चार्ल्स देखते ही देखते एक तेज़ धार वाले चाक़ू से हाथ की कलाई काट लेता है .. उसे तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया , डेबरा बहुत डर चुकी थी ... उसकी खुद की जीने की आस खत्म हो चुकी थी .. वो पहले ही अपने इस योवन से परेशान थी और ऊपर से ये हादशा ... पर सब कुछ ठीक हो गया .. एक महीने बाद चार्ल्स ठीक हो गया और स्कूल गया वापिस जाकर डेबरा के साथ बेठा..चार्ल्स की आँखों में वो हवश खत्म हो चुकी थी , डेबरा चार्ल्स से पूछती है ,” अब केसा है हाथ”
चार्ल्स ,” हाथ तो ठीक है , पर दिल में अभी भी दर्द उतना ही है “    
डेबरा चार्ल्स से कहती है ,” आज मेरे घर आना साथ पढ़ाई करेंगे “ चार्ल्स इतना सुनते ही ख़ुशी से पागल हो जाता है , वो शाम को डेबरा के घर जाता है ..
चार्ल्स ,” आंटी डेबरा घर पर है ?? आंटी कमरे की तरफ इशारा करती है , और चार्ल्स भागता हुआ कमरे में जाता है ..
चार्ल्स ,” हे डेबरा ... मैं आ गया..तो हम आज क्या पढने वाले हैं ?? ,.. उसने चार्ल्स को बिस्तर पर बिठाया और कूकीज भी खिलाई और फिर उसके पास आकर उसकी आँखों में  आँखें दाल कर उसे कहा देखो जो एहसास तुमने आज महसूस किया है वो मैं आज से 2 साल पहले महसूस कर चुकी हूँ ... ये प्युबर्टी एज या योवन की उम्र है, इस उम्र में बहुत बदलाव आते हैं , जेसे की देखो तुम्हारी मूंछे , तुम्हारी आवाज तो देखो केसी भयानक सी हो चुकी है , और कुछ बदलाव हैं जो तुम जानते हो , मै भी जानती हूँ मगर शरेआम उनका ज़िक्र करना अच्छी बात नहीं होती,
चार्ल्स ,” जेसे की अब मुझे तुम अच्छी लगती हो , मुझे तुम्हारे साथ बेठना अच्छा लगता है...
डेबरा ,” हाँ ये सब इसी बदलाव का असर है , अब देखो ना जब मै 11 साल की थी मेरे अन्दर कुछ ऐसे बदलाव आये , की कभी कभी मुझे खुद से नफरत होने लगती है, पर ये निशानी है की अब हम बच्चे नहीं रहे चार्ल्स हमे ज़िम्मेदार बनना होगा ,हमे खुद को अपने बड़ों जेसा बनाना होगा.. हर बात का समाधान आत्महत्या नहीं होती , तुम जेसे खुद को आज देख रहे हो या मुझे देख रहे हो , वेसा तुमने ना तो खुद को पहले देखा हैं और ना ही मुझे , ये मैं भी जानती हूँ...तो मेरी बात मानो चार्ल्स मेरा यूँ पीछा करना छोड़ दो , और कृप्या दुबारा ऐसी आत्महत्या करने का ख्याल भी दिल मे ना आने देना.. हम हमेशा अच्छे दोस्त रहेंगे चार्ल्स , अभी हमारी उम्र वो सब करने की नहीं जो तुम सोच कर यहाँ आये थे , तो बताओ तुम दुबारा मुझे परेशान करोगे ???
चार्ल्स शर्मिंदा होते हुये कहता है ,” अगर तुम मुझे दोस्त मानोगी तब नहीं करूँगा ...
डेबरा कहती है ,” दोस्त तो हम बचपन से हैं मगर तब हमने ध्यान नहीं दिया चार्ल्स ..
चार्ल्स ,” हम साथ बैठ कर लंच करेंगे ...मंज़ूर
डेबरा ,” ठीक है मंज़ूर....
चार्ल्स ,” साथ घर आयेंगे ...मंज़ूर
डेबरा ,” हाँ घर तो हम वेसे भी साथ ही आते हैं..
चार्ल्स ,”और सबसे बड़ी बात तुम मुझे हमेशा ऐसे ही बुरी संगती मे पडने से बचाओगी..”
डेबरा इतना सुनते ही रो देती है , क्यूंकि उसे चार्ल्स पर तरस आ रहा था ...
डेबरा ,” चार्ल्स मुझे खुशी है तुमने देर से सही मगर इस UGLY TRUTH को जान लिया अब मुझे यकीन है तुम दुबारा ऐसी हरकत नहीं करोगे ...
चार्ल्स और डेबरा अब दोस्त हैं सिर्फ दोस्त .. लेकिन उन्हे अब वो सत्य मालुम था जो इंसानी जीवन का सब से बड़ा और सबसे भद्दा सत्य है... चलता हूँ फिर मिलूँगा एक नयी कहानी के साथ ..ज़िन्दगी में प्यार कीजिये मगर प्यार की परिभाषा को भी ध्यान में अवश्य  रखें....
आपका अपना कवि

$andy  poet

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