कभी कभी ज़िन्दगी के लम्हे आपको इतना झखझोर कर रख देते हैं कि आपके आस पास कोई शेष नहीं रहता जिसे आप अपने दिल के राज़ बता सकें, आप घुट घुट कर जीने लगते हैं,आप को अपने हालात पर रोना आता है, आप बेसहारा हो जाते हैं , आप कभी किसी पर ऊँगली उठाने से डरते हैं आप पाप के सामने आँखें मूँद कर खड़े हो जाते हैं ,आप कुछ नहीं कर पाते आप चुप चाप जुल्म सहते रहते हैं ,कभी आवाज नहीं उठाते, तभी एकाएक आपका हाथ थामती है एक कलम जो आपको उठने का सहारा देती है , आपको निर्भय होने का बल देती है ,आप काफी भावुक हो जाते हैं, आपका अपने विचारो और भावनाओ पर कोई लगाम नहीं रहती, आपको लोग भावुक कहने लगते हैं,पर उन्हे ये नहीं मालूम होता की ये भावनात्मकता ही आपकी पहचान है, आपको हर तरफ कुछ नया दिखने लगता है आप सुंदरता और श्रेस्टता को अपनी पंक्तिओं मे कैद करने की कोशिश करने लगते हैं, आप अपने दिल की बातें लिख कर ज़ाहिर करना सीख जाते हैं, आप कुछ भी मनचाहा लिखने लगते हैं आप के ज़हन मे जो भी आता है आप लिखते हैं लिखते हैं और बेलगाम लिखते ही चले जाते हैं,आपका लिखा हुआ सबको भाने लगता है, और आप अपनी वाहवाही से प्रफुलित होने लगते हैं,अब आपके दिल मे कोई राज़ शेष नहीं रहता क्योंकि आप उसे कागज़ पर लिख चुके होते हैं,आप अगर प्यार मे होते हैं तो एक प्रेम कविता बनती है ,अगर आप दुःख मे होते हैं तो एक भावुक कविता का जन्म होता है, पर इन सब बातों मे आपको बिलकुल भी अंदाजा नहीं होता कि ये लक्षण एक नए उभरते हुए कवि के हैं जो धीरे धीरे सूरज की तरह आसमान मे आगे बढ़ रहा है ये कहता हुआ कि मैं आ रहा हूँ इस अंधियारे को मिटाने जो प्रेमरहित लोगों के दिलों मे छुप कर बैठा है कहीं.. क्योंकि मैं खुद उन्ही अंधियारों से उभर कर आया हूँ यहां..
$andy's
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